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चढ़ते बाजार में बढ़ता खतरा: इन 5 सेक्टर्स से निवेशक रहें दूर, चुनिंदा शेयरों में करें निवेश
MARKET TEAM | Nov 18, 2014, 11:11AM IST
भारतीय इक्विटी मार्केट में तेजी से बढ़ता विदेशी निवेश ही अब बाजारों
की चिंता बढ़ा सकता है। ऐसा बैंक ऑफ अमेरिका मैरिल लिंच (BofAML) की
रिपोर्ट में कहा गया है। उनके मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में सेंसेक्स की
30 कंपनियों में विदेशी निवेश बढ़कर रिकॉर्ड 27 फीसदी के स्तर पर पहुंच
गया है। मार्केट एक्सपर्ट भी मानते है भारत में तेजी से बढ़ता पी-नोटस के
जरिए निवेश भी संकट खड़ा कर सकता है। इसीलिए सभी एक्सपर्ट फिलहाल निवेशकों
को मौजूदा स्तर पर मुनाफावसूली की सलाह भी दे रहे है। साथ ही गिरावट आने
अच्छे फंडामेंटलवाले शेयरों में खरीददारी करना सही रणनीति होगा।
ये है बाजार के लिए चिंताएं
- जापान में आर्थिक संकट गहराने की आशंका से चिंताएं बढ़ सकती है।
- यूरोजोन की अर्थव्यवस्थाएं भी लगातार आर्थिक संकट से जूझ रही है।
- चीन के आर्थिक ग्रोथ पर भी लगातार दबाव बढ़ रहा है।
- BofAML ने भी अपनी रिपोर्ट में बढ़ते विदेशी निवेश पर चिंता जताई है।
- पी-नोट्स के जरिए बढ़ती हॉट को लेकर बाजार के विशेषज्ञों के मन में संशय है।
क्या है BofAML की रिपोर्ट में
बीते 5 साल से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs)
का निवेश जारी है। जो कि अब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। ये लगातार
आठवीं तिमाही है, जब FIIs ने निवेश जारी रखा है। सेक्टर के लिहाज से बात
करें तो, फाइनेंशियल सेक्टर में सबसे ज्यादा विदेशी निवेशकों का हिस्सा है।
वहीं, एनर्जी में सबसे कम निवेश है।
FIIs ने किस सेक्टर में हिस्सेदारी बढ़ाई और कहां घटाई
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कंज्यूमर, टेलीकॉम, सॉफ्टवेयर और
फाइनेंशियल में सबसे ज्यादा निवेश किया है। वहीं सीमेंट और मेटल में
हिस्सेदारी घटाई है।
पी-नोट्स के जरिए बढ़ते निवेश से चिंता
पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) विदेशी निवेशकों को, विशेषकर हेज
फंड्स और हाई नेट वर्थ इंडीविजुअल्स, भारतीय बाजर में SEBI के साथ बिना
रजिस्ट्रेशन के भी निवेश करने की अनुमति देता है। इस रास्ते के जरिये इस
साल डेट मार्केट में भी निवेश अपने उच्चतम स्तर पर है।
अक्टूबर में, डेट मार्केट में निवेश बढ़कर 231.16 करोड़ रुपए रहा है,
जो कि सितंबर में 216.87 अरब रुपए था। यह लगातार छठवां महीना है जब
पी-नोट्स के जरिये डेट मार्केट में होने वाले निवेश में वृद्धि दर्ज की गई
है। अक्टूबर में इक्विटी में निवेश 1.63 लाख करोड़ रुपए का रहा है, जो कि
सितंबर में 1.47 लाख करोड़ रुपए था।
बाजार के फंडामेंटल एनालिस्ट विवेक मित्तल मानते है कि बाजार
में इस तरह से पी-नोटस के जरिए निवेश बढ़ना, कई बार चिंताएं भी बढ़ाता है।
क्योंकि जिस तरह से बाजार में फंड आता है, उतनी ही तेजी से बाजार से ये फंड
निकलता भी है। लिहाजा निवेशकों को अच्छे वैल्यु और फंडामेंटल वाले शेयरों
में निवेश करना चाहिए।
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